अब रात में भी बिजली बनाएगा सोलर पैनल !

05 Nov 2024      164 Views

एक रेिसर्च पश्चात इंजीनियर्स ने एक ऐसा सोलर पैनल तैयार किया है, जो रात में भी बिजली पैदा करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार इस नए सोलर पैनल को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया, अमरीका के इंजीनियर्स ने तैयार किया है। इस पैनल के बारे में एक विस्तृत स्टडी 'अप्लाइड फिजिक्स लेटर्स' जर्नल में छापी गई है। रात में भी सोलर पैनल से बिजली पैदा करने के लिए इंजीनियर्स ने एक थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर बनाया है। यह जनरेटर सोलर सेल और हवा के तापमान में अंतर से पैदा होने वाली ऊर्जा या बिजली को सोख लेता है। 

मोजावे में लगा है सबसे बड़ा संयंत्र

बिजली पैदा करते समय सौर ऊर्जा कोई प्रदूषण पैदा नहीं करती। सौर संयंत्र 40 वर्षों से अधिक समय तक चल सकते हैं। लगभग एक हजार एकड़ में, दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र मोजावे रेगिस्तान में  स्थित है। चीन सौर ऊर्जा उत्पादन में विश्व में अग्रणी है। संयुक्त राज्य अमरीका दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा बाजार और जनरेटर है। संयुक्त राज्य अमरीका में कैलिफोर्निया सबसे अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करता है।

हवा के झोंके तापमान में बदलाव क्यों आता है?

आपने हवा के झोंके तो अनुभव किए होंगे। क्या आपको पता है कि हवा के ये झोंके कैसे बनते हैं। हवा कैसे चलती है? दरअसल, जब धूप धरती पर पड़ती है, तो वहां की जमीन और हवा गर्म होने लगती है। तापमान बढ़ने से ऐसी जगहों पर हवा फैलने लगती है और उसका घनत्व भी कम हो जाता है। गर्म हवा ठंडी हवा के मुकाबले हल्की होती है। इसलिए वह ऊपर की तरफ उठने लगती है। इस स्थिति में ऐसे स्थानों की वायु का दबाव कम हो जाता है। यह एक तरह का खालीपन होता है, जिसे भरने के लिए अधिक दबाव वाले यानी ठंडे स्थानों से गण हवा आने लगती है। भले ही कई बार ऐसी जम हवाओं का ठंडापन हमें महसूस नहीं हो पाता हो, लेकिन असल में यह हवा अपेक्षाकृत ठंडी व भारी ही होती है। गर्म वातावरण में आने से कुछ समय बाद यह हवा भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है। बस, तापमान में आए इस बदलाव केतु कारण ही हवाओं का यह आना-जाना लगा रहता है। जिसे हम हवा का चलना या बहना कहते हैं।

सोलर पैनल : सूरज की रोशनी बना देता है बिजली

हमें अपने चारों तरफ नई-नई टेक्नोलॉजी देखने को मिल जाती है। यहां हम बात कर रहे हैं सोलर एनर्जी की। भारत में अब सिर्फ शहरी इलाकों में ही नहीं बल्कि सोलर एनर्जी का ग्रामीण क्षेत्रों में भी भरपूर फायदा उठाया जा रहा है साथ ही औद्योगिक जगत में भी वृहद स्तर पर इसका उत्पादन हो रहा है। घरों में आने वाली यह सोलर एनर्जी हमें सोलर पैनल की मदद से मिलती है, लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल आया कि आखिर सोलर पैनल में ऐसी क्या चीज होती है और यह कैसे काम करता है, जिससे हमें बिजली मिलती है? यहां पढ़ें इससे जुड़ी रोचक जानकारी...।

छतों पर लगाए जाने वाले सोलर पैनल फोटोवोल्टिक सेल्स से बनें होते हैं, जो सूर्य की रोशनी को बिजली में कन्वर्ट कर देते हैं। फोटोवोल्टिक सेल्स को सिलिकॉन जैसे सेमी-कंडक्टिंग पदार्थ की परतों के बीच फिट कर दिया जाता है। इन सभी परतों में अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक गुण होते हैं, जो सूरज की रोशनी में मौजूद फोटॉन के साथ संपर्क में आने के बाद एक्टिव हो जाते हैं, जिससे एक इलेक्ट्रिक फील्ड बनता है। इसे फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट के रूप में जाना जाता है। यह वही चीज है, जो बिजली पैदा करने के लिए करंट बनाता है। इंवर्टर से होकर गुजरने के बाद ही इस्तेमाल हो पाती है। सौर पैनल सीधे करंट उत्पन्न करते हैं। इसके बाद इसे एक इंवर्टर की मदद से ऑल्टरनेटिंग करंट में कन्वर्ट किया जाता है। जिसके बाद ही इसे घरों दुकानों उद्योगों पर उपलब्ध बिजली के उपकरणों को चलाने में इस्तेमाल कि करते हैं, जो आपकी छतों पर लगे सोलर पैनल से कनेक्ट रहते हैं।