28 Jan 2025 105 Views
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक और कोयला खदान खोलने के लिए जमीन पर कार्य शुरू हो गया है। ग्रामीणों के विरोध के बीच एसईसीएल ने विकासखंड पाली के गांव करतली और इसके आसपास की जमीन पर प्रस्तावित अंबिका कोयला खदान के लिए कार्य शुरू किया। जेसीबी मशीन से खदान के लिए चिन्हित जमीन को समतल करने का कार्य शुरू किया गया है।
शनिवार को सूर्योदय के साथ ही एसईसीएल के अफसर जेसीबी मशीन लेकर गांव करतली में प्रस्तावित जमीन पर अंबिका कोयला खदान के लिए कार्य चालू करने पहुंचे। जैसे ही मशीन ने कार्य शुरू किया। गांव के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हो गए और उन्होंने समतलीकरण के काम को यह कहते हुए रोकने का प्रयास किया गया कि अधिग्रहित जमीन के बदले नौकरी, पुनर्वास, स्थाई और अस्थाई रोजगार सहित कई मांगों को लेकर प्रबंधन के साथ पेंच फंसा है।
ग्रामीणों की मांग थी कि विवाद का समाधान हुए बिना खदान के लिए कार्य शुरू नहीं किया जाए। लेकिन एसईसीएल के अफसरों ने उन्हें समझाईश दी की खदान के लिए कार्य को जारी रखें और इस दौरान प्रबंधन के साथ बातचीत कर अपनी समस्याओं का समाधान करें। एसईसीएल के प्रस्ताव को लेकर ग्रामीणो के बीच दो फाड़ हो गया और एक फाड़ प्रबंधन को जमीन पर कार्य करने देने के लिए तैयार हो गया। शनिवार सुबह से अंबिका खदान के लिए प्रबंधन ने जमीन समतलीकरण कार्य को शुरू किया जो देर शाम तक जारी रहा।
कार्य के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो इसके लिए मौके पर पाली प्रशासन के स्थानीय अधिकारी और पुलिस भी मौजूद थी। एसईसीएल प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि कोयला खदान के लिए चिन्हित जमीन पर समतलीकरण का कार्य शुरू किया गया है। प्रबंधन की कोशिश है कि जल्द से जल्द जमीन को समतलीकरण कर कोयला खनन के लिए रास्ता तैयार किया जाए ताकि मिट्टी हटाने की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरा हो सके।
अंबिका कोयला खदान कोरबा जिले में संचालित होने वाला छठवीं कोयला खदान है। इसके पहले कोरबा में गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, मानिकपुर और सरायपाली खदान से कोयला खदान किया जा रहा है। ये सभी खदानें ओपनकास्ट हैं और यहां से कंपनी सर्वाधिक कोयला खनन करती है। अंबिका कोयला खदान की निगरानी एसईसीएल के कोरबा एरिया से की जाएगी। वर्तमान में कोरबा एरिया से विकासखंड पाली के गांव सरायपाली में संचालित ओपनकास्ट कोयला खदान की भी देखरेख की जा रही है।
अंबिका कोयला खदान के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने कोल बेयिरिंग एक्ट के तहत विकासखंड पाली के गांव करतली और इसके आसपास स्थित 335.19 एकड़ निजी जमीन का अधिग्रहण किया है। 15.52 एकड़ राजस्व भूमि भी लीज पर खदान के लिए ली गई है। प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि इस खदान से 492 परिवार प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। घटते क्रम में 155 परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जानी है।
खदान के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले कंपनी ने मुआवजा तैयार किया है। लेकिन इस मुआवजे को खदान से प्रभावित होने वाले आधा से ज्यादा परिवारों ने नहीं उठाया है। उनका कहना है कि जब तक कंपनी रोजगार, पुनर्वास, बसाहट और स्थाई नौकरी की समस्या का समाधान नहीं कर देती तब तक वे मुआवजा राशि नहीं लेंगे और न ही अपनी जमीन पर खदान को शुरू होने देंगे। शनिवार से खदान के लिए शुरू हुए समतलीकरण कार्य का विरोध इन्हीं की ओर से किया जा रहा है।
जिन लोगों ने खदान के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले मुआवजा उठा लिया है वे कंपनी के कार्य का विरोध नहीं कर रहे हैं। मुआवजा उठाने और नहीं उठाने को लेकर ही ग्रामीणों के बीच दो फाड़ हुआ है। ग्रामीण आपस में बंट गए हैं। इस बीच प्रबंधन ने अपना कार्य चालू किया है।
बताया जाता है कि इस खदान का संचालन कोयला कंपनी 100 फीसदी आउटसोर्सिंग पर करने जा रही है। कंपनी के अधिकारियों की भूमिका सिर्फ खनन की निगरानी करने की है जबकि कोयला और मिट्टी खनन का कार्य गुजरात की एक निजी कंपनी करेगी।