20 Apr 2025 101 Views
World Biggest Deal: रेयर मिनरल्स को लेकर बड़ी डील की खबर आई है. इससे गोल्ड की कीमतों पर असर हो सकता है. यूक्रेन और अमेरिका मिलकर खनिज संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे, जिससे अमेरिका को महत्वपूर्ण रेयर मिनरल्स की सप्लाई होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह "बहुत बड़ी डील" है, जिसमें सैन्य सहायता और नई तकनीक शामिल हो सकती है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक- यूक्रेन और अमेरिका ने गुरुवार को एक "मिनरल रिसोर्स डेवलपमेंट मेमोरेंडम" पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर हुआ है और इसका उद्देश्य यूक्रेन के खनिज संसाधनों के विकास में सहयोग करना है. अमेरिका और यूक्रेन के बीच रेअर खनिजों (Rare Minerals) को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौते हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील को "बहुत बड़ी डील" बताया था।
मेमोरेंडम क्या कहता है? यह एक शुरुआती करार (MoU) है, जो आगे चलकर एक आर्थिक साझेदारी समझौते और पुनर्निर्माण निवेश फंड का आधार बनेगा. यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. समझौता यूक्रेन के री-डेवलपमेंट और खनिज संसाधनों के दोनों मिलकर यूज करेंगे।
फरवरी में यह समझौता तय था, लेकिन ओवल ऑफिस में ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच बहस के बाद इसे टाल दिया गया था. बाद में दोनों देशों ने रिश्ते सुधारने की कोशिश की, खासकर यूक्रेन को अमेरिका से मिल रही सैन्य मदद को देखते हुए।
ट्रंप का क्या कहना है-ट्रंप ने कहा कि पूरा समझौता अगले हफ्ते साइन हो सकता है.उन्होंने कहा कि अमेरिका को यूक्रेन के खनिज संसाधनों तक विशेष पहुंच मिलेगी, जो अमेरिकी सैन्य मदद के बदले में होगी.ट्रंप के अनुसार, "ये एक बड़ा डील है, करीब 80 पेज का एग्रीमेंट है, और हम उसी पर साइन करने जा रहे हैं।
आगे क्या होगा?समझौते के लिए अभी यूक्रेन की संसद की मंजूरी आवश्यक होगी.यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह मेमोरेंडम "सकारात्मक इरादों" को दर्शाता है.अब दोनों देश समझौते के विस्तृत नियम और निवेश की शर्तें तय करेंगे।
यूक्रेन और अमेरिका के बीच यह खनिज समझौता युद्धग्रस्त यूक्रेन के पुनर्निर्माण और अमेरिका के लिए रणनीतिक खनिजों तक पहुंच सुनिश्चित करने की एक रणनीतिक डील बन सकता है. ट्रंप प्रशासन इसे सैन्य समर्थन के बदले आर्थिक हिस्सेदारी की तरह देख रहा है. आने वाले हफ्तों में इस डील के दस्तावेजीकरण और संसदीय मंजूरी पर नजर रहेगी।
अमेरिका को चाहिए लिथियम, टाइटेनियम, ग्रेफाइट और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे खनिज, जो बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा और ग्रीन एनर्जी के लिए जरूरी हैं. अब तक अमेरिका इन खनिजों के लिए चीन पर निर्भर था.अमेरिका अब यूक्रेन को नया सप्लायर बनाना चाहता है, ताकि चीन की पकड़ कमजोर की जा सके।
यूक्रेन में कौन-कौन से खनिज हैं?
खनिज | उपयोग | स्थिति |
---|---|---|
लिथियम | EV बैटरी, स्मार्टफोन | 5 लाख टन |
टाइटेनियम | हवाई जहाज, मेडिकल | दुनिया का 7% उत्पादन |
ग्रेफाइट | बैटरियों, इंडस्ट्री | दुनिया का 20% भंडार |
REEs | मिसाइल, मोटर्स | दुनिया का 5% भंडार |
यूरेनियम, मैंगनीज, गैलियम | ऊर्जा, रक्षा | भी मौजूद हैं |
यूक्रेन को क्या मिलेगा? बिलियन डॉलर की वित्तीय मदद और सैन्य उपकरण. युद्ध के बाद सुरक्षा की गारंटी की उम्मीद.उसके खनिज संसाधनों को ग्लोबल मान्यता.
अमेरिका को क्या मिलेगा-यूक्रेन के खनिज संसाधनों तक विशेष पहुंच है. सप्लाई चेन मज़बूत करने का मौका है.चीन से कम आयात करके व्यापार संघर्ष को संतुलित करना है।
अगर डील सफल रही तो...
अमेरिका की चीन पर निर्भरता घटेगी
ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बूस्ट
तकनीकी उत्पाद सस्ते हो सकते हैं
वैश्विक बाजार स्थिर होगा
सोने की कीमतें गिर सकती हैं
अगर डील फेल हुई या युद्ध बढ़ा...
सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं
निवेशक सेफ हेवन यानी सोना खरीदेंगे
टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स होंगे महंगे
महंगाई का दबाव बढ़ेगा।
भारत पर क्या असर होगा-भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को नई सप्लाई चेन से फायदा हो सकता है. चीन का प्रभुत्व कम हुआ तो कम लागत में खनिज मिल सकते हैं. सोने और मेटल की कीमतों में उलटफेर संभव है।
चीन की पकड़ कमजोर होगी-वर्तमान में, चीन दुनिया के 90% REEs को रिफाइन करता है. अगर अमेरिका और यूक्रेन मिलकर इसका उत्पादन बढ़ाते हैं, तो चीन की ताकत कम हो सकती है।
रूस का क्या रुख होगा- अगर अमेरिका यूक्रेन के खनिजों पर दावा करता है, तो रूस इस पर कड़ा विरोध जता सकता है. इससे या तो युद्ध तेज होगा या शांति वार्ता की संभावना बढ़ेगी.
ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बूस्ट-अधिक लिथियम और REEs मिलने से इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा।